निंदा रस क्या है ?
निंदा रस दुसरो की बुर्रई करना और उस बुराई पर अपना स्वार्थ सिद्ध करना. अनेक अनेक प्रकर्ति के लोग आने हिसाब से निंदा रस का पान करते है. कुछ लोग अपना समय पास करते है.कुछ लोग रस लेके अपने आप को सामनेवाले से अपने को बेहतर समझते है और खुद को बेहतर मानते है निंदा उन्ही की जाती जो उनके लायक हो सज्जनों की निंदा होती नहीं .और शायद निंदा से हमारी शिकायत दूर हो जाये यह एक अच्छा अभिप्राय भी हो सकता है
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निंदा रस एक हद तक ठीक है जब तक मजाक है और सहा जा सकता है.लेकिन जब बात आगे बढ़ जाती है तब यह रिस्तो में दर्रार पैदा कर सकती है.निंदा रस करने पर दुसरो को निचा नहीं समझना चहिये और न ही खुद को बड़ा येही एक सन्देश है मेरा आपके के लिए." निंदक न्यारे राख्बिये .आगन कुटी च्चाब्बाये .बिन पानी बिन साबुन निर्मल करे सुहाए ".
फिर भी उम खली समय वालो के लिए निंदा रस बहुत ही अच्छी चीज़ है.
निदा रस की महिमा अपरमपार है जो किया वो जो किया वो आनंद लिया जो ना किया उसका आनंद दुसरो ने लिया भैया जी तो आनन्द लेते रहना चहिये
ReplyDeleteBhai हम प्रजातंत्र की निवासी है बिना निदा किये सकारे नहीं चलती तो आप हम क्या है
लगे रहो
Hume yahi San Badal na hoga na
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