आज बिलासपुर शहर में दिन हो या रात गुनाह बदती जा रही हैं इस्सका कारन किसे मानते है आप ? प्रशाशन को या किसे .... खैर गुनाह करने वाले लोग हमारे भाई बंधु ही है शायद भैया के मन से पुलिस का डर निकल गया है या फिर भाई लोग सब स्थिति से ऊपर है उनके लिए कोई शाशन या प्रशासन बाधा नहीं बन सकती या तो उन्हें किसी प्रकार का सरचन प्राप्त है किसी दबंगई का . खैर मसला कुछ भी हो क्रीइम तो बाद रहा है कुछ हद तक तो में सरकारी नीतिया को दोष दूंगा और कुछेक के प्लान को .पहेले मेरे सहर में रातो को मै आसानी से घूमता था किसी काम से पहले रातो को लगभग बारह बजे तक दुकाने खुली रहती थी लोग घूमते थे दुकानदारी चलती थी गरीबो का पेट भरता था .शाययद भैया लोग को गुनाह करने मै तकलीफ होती थी .क्योंकि लोग जागते थे यदि कोई गुनाह करे तो रातो को घुमने वाले सरफिरे ही खुद फैसला कर देते थे .धीरे धीरे दुकाने जल्द बंद होने लगी लोग जल्दी घर जाने लगे दुकानदारी जल्द समाप्त होने लगी गरीबो की आय सिमट गयी.रोड सुनसान हो गयी भाइयो को मौका मिला .खैर हमे क्या करना हमतो घर जल्दी चले जाते है सुन्नी सड़क छोड़ जाते है भाइयो को कोई फर्क नहीं पड़ता वे अपना काम कर जाते है.डंडे के डर से हम जल्दी घर चले जाते है.